भारत और चीन के बीच सकारात्मक रिश्ते के संकेत
वांग यी की भारत यात्रा के दौरान भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर ने अपनी बात भी रख दी थी। उनका कहना था कि दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों की बहाली के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन बहाली जरूरी है।सीमांत इलाके में चीनी सेनाओं की वापसी को लेकर भारत मानता है कि बातचीत सकारात्मक है। लेकिन उसकी गति धीमी है। भारत को इस बात की चिंता है कि जितनी तेजी इस दिशा में दिखनी चाहिए, वैसी नहीं दिख रही।
बहरहाल चीनी विदेश मंत्री वांग यी की अघोषित यात्रा होना और उसके बाद यह कहना कि भारत और चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं और आपसी मतभेदों को दूर किया जा सकता है, दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों की 72 साल की यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव हो सकते हैं। दोनों देशों के संबंध सुधरें, यह दोनों देशों के नागरिकों के लिए अच्छा है। भारत और चीन के बीच सहज रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कदम तभी बढ़ाया जा सकता है, जब आपसी मतभेद दूर हों, सीमा की समस्या का सकारात्मक हल हो।